
Bihar Politics बिहार चुनाव (Bihar Elections) के पहले नीतीश कुमार की JDU को बड़ा झटका लगा है। कोसी स्नातक क्षेत्र से जदयू के प्रत्याशी रहे नेता ने अपने समर्थकों के साथ राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। राजद कार्यालय में आयोजित समारोह में जयप्रकाश नारायण यादव और आलोक कुमार मेहता ने सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान किया।
कोसी स्नातक क्षेत्र से जदयू के प्रत्याशी रहे संजय चौहान ने अपने समर्थकों के साथ रविवार को राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें राजद की सदस्यता ग्रहण कराई।
जिसके बाद संजय चौहान के समर्थकों ने राजद के प्रति अपना विश्वास जताते हुए सदस्यता ग्रहण की। तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके राजद में शामिल होने से पार्टी का जनाधार भी बढ़ेगा।
मौके पर राजद के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व मंत्री बीमा भारती, आलोक मेहता, रण विजय साहू, भूदेव चौधरी सहित अन्य थे। सदस्यता ग्रहण करने के बाद संजय ने बताया कि वे पिछले 25 साल से शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा का काम करते आ रहे हैं। समाजसेवा करना उनके स्वभाव में ही है। संजय चौहान ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि मुझे पार्टी द्वारा जो भी दायित्व सौंपा जाएगा। उसका पूरे तन-मन-धन से निर्वहन करूंगा।
* तेजस्वी के हो-हल्ला करने से सरकार अपनी नीति नहीं बदलती : प्रभाकर
वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं।
उन्हें लगता है कि उनके हरा कपड़ा पहनने से सावन आ जाता है और काला साफा बांधने से ही रात होती है। तेजस्वी यादव और उनके राजनीतिक गुरु के हो-हल्ला करने से सरकार की नीतियां नहीं बदलती।
उन्होंने आगे कहा कि पिछड़ा-अतिपिछड़ा को उनका हक दिलाना एनडीए सरकार की प्राथमिकता है। इसका माध्यम चाहे, जाति जनगणना हो, या कुछ और। जो भी रास्ता होगा, सरकार उसे अपनाएगी।
तेजस्वी पर पलटवार करते हुए प्रभाकर ने कहा कि किसको कौन हाईजैक करके रखा है, यह पूरा देश देख रहा है। जिस लालू यादव की भ्रष्टाचार की जमीन पर तेजस्वी यादव पनपे हैं, आज उसी लालू के मुंह पर उन्होंने ताला जड़ दिया है।
लालू को एक-एक शब्द बोलने के लिए अपने काबिल बेटे से अनुमति लेनी पड़ती है। असल में तेजस्वी की स्थिति ‘चोर बोले जोर से’ जैसी है। वे दूसरे पर बेतुका आरोप लगाकर लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
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