चमत्कार,जहां मसान की होली में जमीन पर नही गिरती हवा में उड़ी राख

काशी के महाश्मशान घाट पर 11 मार्च को खेली जाएगी चिता भस्म की अनूठी होली,भगवान के रूप में शामिल नहीं होगा कोई कलाकार, जानिए क्या होगा खास

खबर वाराणसी से है।जहां विश्वप्रसिद्ध रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन, 11 मार्च को मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की होली का आयोजन होगा। यह अनूठा आयोजन दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक चलेगा। आयोजकों ने बताया कि इस बार कार्यक्रम में भगवान के स्वरूप में कोई कलाकार शामिल नहीं होगा। सबसे पहले बाबा मसान नाथ की भव्य आरती होगी, जिसके बाद चिता भस्म होली की शुरुआत होगी। हर साल लाखों श्रद्धालु इस अनोखी परंपरा का हिस्सा बनते हैं।

क्या है चिता भस्म होली की मान्यता?

बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने बताया कि काशी में रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विश्वनाथ माता पार्वती का गौना कराकर उन्हें काशी लाते हैं। इसे ही होली उत्सव की शुरुआत माना जाता है। इसके ठीक अगले दिन बाबा विश्वनाथ चिता भस्म की होली खेलने मणिकर्णिका घाट पर आते हैं। पिछले 24 वर्षों से इस परंपरा को भव्य रूप से मनाया जा रहा है।

छह महीने पहले शुरू होती है भस्म इकट्ठा करने की तैयारी

गुलशन कपूर ने बताया कि इस अनूठी होली के लिए हर दिन 2 से 3 बोरी राख एकत्र की जाती है। इसकी तैयारी छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है। उनका कहना है कि जब चिता भस्म उड़ाया जाता है, तो वह जमीन पर नहीं गिरता बल्कि हवा में ही बना रहता है।

बताया कि इस बार नशेड़ियों की एंट्री पूरी तरह से बैन रहेगी। किसी भी प्रकार का नशा करके आने वालों पर लगाम लगाई जाएगी। इसके अलावा आयोजकों ने काशी की स्त्रियों से अपील किया कि वे इस मसान की होली को दूर से ही देखें, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

महाकुंभ के कारण इस बार होंगे विशेष आयोजन

इस वर्ष महाकुंभ के चलते बड़ी संख्या में नागा संन्यासी भी इस आयोजन में शामिल होंगे। गुलशन कपूर ने कहा कि बाबा के भक्तों को विशेष सुविधाओं की जरूरत नहीं होती, बस खाली स्थान ही काफी है। हर वर्ष आयोजन में कई चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन बाबा की कृपा से यह परंपरा निरंतर जारी रहती है।

Loading


Discover more from जन विचार

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

जी पी सोनी

G P Soni is the co-founder and editor of Janvichar.in, a leading news and media platform. With over 10 years of experience in the media industry, G P Soni brings a wealth of knowledge and expertise to the team. His commitment to delivering high-quality, unbiased news has been instrumental in establishing Janvichar.in as a trusted source of information. He is the Student of P.H.D Mass Communication Media Student. He has worked many Brand news papers, and many more news Channels. He is a Socialist & news Blogger . He like searching investigative news . He is also Co-Founder of Saptsindhu Navchetan foundation.

Related Posts

शिक्षक दिवस विशेष: एक मुलाक़ात “मोहन” को मुख्यमंत्री कि “मुरली” थमाने वाले गुरुओं से !

1 मुख्यमंत्री मोहन यादव जिस गति से प्रदेश में विकास के नये आयाम गढ़ पा रहे हैं इसकी वजह है अपने गुरुओं के प्रति उनकी कृतज्ञता और कभी न कम…

Loading

Read more

Continue reading
कहां हुई थी जॉर्ज फर्नांडिस और लैला कबीर की पहली मुलाकात? बिहार से दोनों का गहरा रिश्ता, जानें

1 मशहूर समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की पत्नी लैला कबीर फर्नांडिस का निधन हो गया। लैला कबीर एक जहीन और स्वाभिमानी महिला थीं। उनके पिता हुमायूं…

Loading

Read more

Continue reading

Leave a Reply

You Missed

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

Discover more from जन विचार

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading