
बिहार युवा राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश सचिव सुनील कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वर्तमान सरकार कर्मचारियों को और शोषण करने का काम कर रही है जबकि कांग्रेस के EPFO ने सुरक्षित किया कर्मचारियों का भविष्य, अब पुरानी पेंशन भी दिलवाएगी
INDIA गठबंधन सहित राजद-कांग्रेस उन्होंने इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए आगे बताया कि ये बात आजादी के सिर्फ चार-पांच साल बाद की है। देश में कर्ज और भुखमरी की समस्या व्याप्त थी। अंग्रेजों द्वारा खोखला कर छोड़ा गया भारत फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था। मगर जनता के भविष्य पर अभी भी काले बादल मंडरा रहे थे।
प्रधानमंत्री नेहरू जी आने वाले कल की गति जानते थे। इसलिए उन्हें पता था कि देश का आर्थिक भविष्य तब तक ठीक नहीं होगा, जब तक देश की जनता का आर्थिक भविष्य अंधेरे मे रहेगा।
अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नेहरू ने प्लान बनाया कि सबसे पहले देश के उन सभी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित बनाना होगा। जो सरकारी अथवा प्राइवेट संस्थानों, कंपनियों में नौकरी करते हैं। इसी को देखते हुए साल 1952 में नेहरू जी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की स्थापना की।
EPFO के नियमानुसार कुछ पैसा कर्मचारियों की सैलरी से कटकर तो कुछ पैसा संबंधित कंपनी की तरफ से अंशदान के रूप में कर्मचारियों के खाते में भविष्य के लिए जमा होने लगा। कुछ सालों बाद जब कर्मचारी कंपनी छोड़ते या रिटायर होते, तब तक उनके खाते में एक अच्छी-खासी रकम इकट्ठा हो जाती।
इस तरह EPFO की स्थापना का प्रभाव बहुत दूरगामी साबित हुआ। जो कर्मचारी पहले अपने भविष्य को लेकर डरते थे, कुछ ही वर्षों बाद वही कर्मचारी बचत और निवेश की तरफ आकर्षित हुए। नतीजा ये रहा कि इन कर्मचारियों के साथ देश की आर्थिक हालत पर भी बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
आज अपनी स्थापना के 72 साल बाद भी नेहरू का EPFO देश का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन होने के नाते, यह मुख्य रूप से लोगों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
कांग्रेस पार्टी और नेहरू की सोच हमेशा देश और देशवासियों के हित में रही है। कांग्रेस के लिए देशवासियों का भविष्य बहुत मायने रखता है।
यही एकमात्र कारण है कि आज भी जब BJP सरकार और मोदी सरकारी कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा का हिस्सा पेंशन डकारना चाहते हैं, ऐसी स्थिति में INDIA Allaince कर्मचारियों के साथ खड़ी है।
कर्मचारियों को इंसाफ दिलाने के लिए राहुल गांधी लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार में फिर से राजद कांग्रेस की ही लहर चलेगी और सत्ताधारी पक्ष और सुबे के मुखिया नीतीश कुमार को मुंह की खानी पड़ेगी।
Discover more from जन विचार
Subscribe to get the latest posts sent to your email.