
जन सुराज एक राजनीतिक अभियान है जिसे प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 को बिहार में शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को बदलना है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया गया है।
जन सुराज के प्रमुख पहलू:
- जमीनी स्तर पर जुड़ाव: अभियान की शुरुआत बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा (पैदल यात्रा) से हुई। प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने स्थानीय समुदायों के साथ संवाद किया और जमीनी स्तर पर जुड़ाव स्थापित किया।
- समावेशी विकास: जन सुराज का ध्यान समावेशी और सतत विकास पर है। यह अभियान समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन जुटाने और सामूहिक निर्णय लेने पर जोर देता है।
- राजनीतिक परिवर्तन: यह अभियान 2 अक्टूबर 2024 को एक राजनीतिक पार्टी में परिवर्तित होने वाला है और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। पार्टी की नेतृत्व संरचना समावेशी होगी, जिसमें पहला अध्यक्ष हाशिए पर रहने वाले समुदायों से आने की संभावना है।
- दृष्टि और लक्ष्य: जन सुराज का लक्ष्य अगले दशक में बिहार को भारत के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल करना है। इस पहल का उद्देश्य सही सोच के साथ सही लोगों को जोड़कर एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो प्रणालीगत परिवर्तन को सक्षम बनाता है।
प्रशांत किशोर की रणनीतिक कुशलता और नवाचारी दृष्टिकोण इस अभियान के प्रयासों के केंद्र में हैं, जो बिहार में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।
जन सुराज पदयात्रा
प्रशांत किशोर द्वारा शुरू किया गया एक व्यापक अभियान है, जिसका उद्देश्य बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को बदलना है। यह यात्रा 2 अक्टूबर 2022 को शुरू हुई और इसमें बिहार के विभिन्न जिलों और गांवों का दौरा शामिल है। यहाँ इस पदयात्रा के प्रमुख पहलुओं का विवरण है:
प्रमुख उद्देश्य:
- जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान: समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना।
- स्थानीय समस्याओं की समझ: शहरों और पंचायतों की स्थानीय समस्याओं, संभावनाओं और प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझना और उनके विकास के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करना।
- विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना: शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 वर्षों के लिए एक दृष्टि दस्तावेज तैयार करना.
यात्रा का विवरण:
- कुल दूरी: यह पदयात्रा लगभग 3,000 किलोमीटर की है, जो बिहार के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरती है.
- समय अवधि: अब तक यह यात्रा 483 दिनों तक चली है और इसमें 2,642 गांवों, 225 ब्लॉकों और 1,285 पंचायतों को कवर किया गया है.
- संपर्क और संवाद: प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने स्थानीय समुदायों के साथ संवाद किया, उनकी समस्याओं को समझा और उनके सुझावों को सुना। यह यात्रा बिहार के गांव-गांव से गुजर रही है, विकास की चुनौतियों को समझ रही है और सार्थक बदलाव का सूत्रपात कर रही है.
यात्रा के प्रभाव:
- लोकतंत्र को मजबूत बनाना: इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत बनाना और लोगों को एकजुट करना है।
- विकास का ब्लूप्रिंट तैयार करना: स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को समझकर विकास का एक ठोस ब्लूप्रिंट तैयार करना।
- बिहार का नया भविष्य लिखना: इस यात्रा का उद्देश्य बिहार के भविष्य को बेहतर बनाना और राज्य को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है.
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