
प्रशांत किशोर एक प्रमुख भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार और सलाहकार हैं। उनका जन्म 20 मार्च 1977 को बिहार के रोहतास जिले के कोनार गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बक्सर में पूरी की और फिर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए हैदराबाद चले गए। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया।
राजनीति में उनका प्रवेश 2011 में हुआ जब उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काम करना शुरू किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत में उनकी रणनीतियों का महत्वपूर्ण योगदान था। इसके बाद उन्होंने कई प्रमुख राजनीतिक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव, 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव, 2019 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव, और 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव।
प्रशांत किशोर ने 2022 में बिहार में जन सुराज अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य राज्य के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को बदलना है। यह अभियान 2024 में एक राजनीतिक पार्टी में परिवर्तित होने वाला है और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।
उनकी पत्नी जाह्नवी दास पेशे से डॉक्टर हैं और उनका एक बेटा भी है।
प्रशांत किशोर के स्थूलता
प्रशांत किशोर के अभियानों की स्थूलता (macro-level) में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं, जो उनके अभियानों को सफल बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तत्वों का विवरण है:
- डेटा-आधारित रणनीति: किशोर का दृष्टिकोण हमेशा डेटा और विश्लेषण पर आधारित होता है। वे व्यापक सर्वेक्षण और डेटा संग्रह के माध्यम से मतदाताओं की प्राथमिकताओं और मुद्दों को समझते हैं। इससे उन्हें सटीक और प्रभावी रणनीतियाँ बनाने में मदद मिलती है।
- जमीनी स्तर पर जुड़ाव: किशोर और उनकी टीम जमीनी स्तर पर लोगों से सीधे संवाद करते हैं। वे पदयात्रा, जनसभाएँ, और व्यक्तिगत मुलाकातों के माध्यम से मतदाताओं के साथ जुड़ते हैं, जिससे उन्हें वास्तविक मुद्दों की गहरी समझ मिलती है।
- नवाचारी प्रचार तकनीकें: किशोर के अभियानों में सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग, और अन्य आधुनिक प्रचार तकनीकों का व्यापक उपयोग होता है। वे पारंपरिक और डिजिटल दोनों माध्यमों का संतुलित उपयोग करते हैं।
- संदेश और ब्रांडिंग: किशोर का ध्यान हमेशा एक स्पष्ट और प्रभावी संदेश देने पर होता है। वे उम्मीदवारों और पार्टियों की ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देते हैं, जिससे मतदाताओं के बीच एक मजबूत पहचान बनती है।
- स्थानीय मुद्दों पर ध्यान: किशोर के अभियानों में हमेशा स्थानीय मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वे राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाते हैं, जिससे मतदाताओं को लगता है कि उनकी समस्याओं को समझा और सुलझाया जा रहा है।
- संगठनात्मक ढांचा: किशोर का ध्यान एक मजबूत और संगठित टीम बनाने पर होता है। वे विभिन्न स्तरों पर टीमों का गठन करते हैं, जो अभियान की विभिन्न गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करती हैं।
राजनीतिक अभियान
प्रशांत किशोर ने भारत में कई प्रमुख राजनीतिक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ उनके कुछ प्रमुख अभियानों का विवरण है:
- नरेंद्र मोदी का 2014 लोकसभा अभियान: किशोर की नवाचारी रणनीतियों और डेटा-आधारित दृष्टिकोण ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।
- नीतीश कुमार का 2015 बिहार विधानसभा अभियान: किशोर महागठबंधन (जिसमें नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शामिल थे) की सफलता में महत्वपूर्ण थे। इस गठबंधन ने भाजपा को हराकर नीतीश कुमार को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया।
- अमरिंदर सिंह का 2017 पंजाब विधानसभा अभियान: किशोर की रणनीतिक अंतर्दृष्टियों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पंजाब में निर्णायक जीत दिलाने में मदद की, जिससे अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने।
- वाईएस जगन मोहन रेड्डी का 2019 आंध्र प्रदेश अभियान: किशोर के प्रयासों ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की भारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने।
- अरविंद केजरीवाल का 2020 दिल्ली विधानसभा अभियान: किशोर की टीम ने आम आदमी पार्टी (आप) को महत्वपूर्ण जीत दिलाने में मदद की, जिससे अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहे।
- ममता बनर्जी का 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा अभियान: किशोर की रणनीतियाँ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की भाजपा के खिलाफ जीत में महत्वपूर्ण थीं, जिससे ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
प्रशांत किशोर का दृष्टिकोण आमतौर पर विस्तृत योजना, डेटा विश्लेषण का व्यापक उपयोग, और नवाचारी अभियान तकनीकों पर आधारित होता है, जिससे वे भारत के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक रणनीतिकारों में से एक बन गए हैं।
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