सासाराम में भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत

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बिहार के हालात ऐसे हो गये हैं की एक दिन में जितने लोग आपसी रंजिश और अपराधियों की गोली से नहीं मरते, उससे कई गुना ज्यादा लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं।

अपराध की खबरें सनसनी बन जाती हैं, लोगों में आक्रोश उमड़ता है, लेकिन अफसोस कि सड़क हादसों की खबरें वैसी सुर्खियां नहीं बटोर पाती हैं। लोग या तो उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, या पढ़कर भूल जाते हैं।

जबकि सच्चाई यह है कि आपसी दुश्मनी में होने वाले अपराधों को रोकना नामुमकिन है, खासकर उस समाज में जहां अपनी जाति, धर्म के गुंडों को लोग हीरो और मजबूर बताकर बचाते हैं। जबकि जागरूकता और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से सड़क हादसों को कम किया जा सकता है।

ताज़ा मामला सासाराम के हाईवे पर महिंद्रा शोरूम के आगे एक बाइक सवार को ट्रैक्टर ने रौंद दिया और खुद भी पलट गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, बाइक सवार युवक की तुरंत मौत हो गई। मृतक गोविंदपुर, उचैला, रोहतास का निवासी था। मात्र 25 वर्ष के मृतक युवक का नाम संतोष कुमार था, जो बिरजा राम का पुत्र था।

तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि ट्रैक्टर रॉन्ग साइड में है। उसकी बदमाशी भी हो सकती है या संभवतः उसे मुड़ना रहा होगा, इसलिए आया होगा। प्रॉपर यू-टर्न, राइट-लेफ्ट टर्न, अंडरपास आदि की अनुपलब्धता इस तरह की घटनाओं का प्रमुख कारण है।

आम लोगों से भर-भर कर टोल टैक्स सरकारें वसूलती हैं, बावजूद इसके बेहतर सुविधाएं देने में गरीबी दिखाती हैं। जबकि चुनाव में पानी की तरह पैसे बहाने के लिए हमारे देश के नेताओं के पास अचानक से अमीरी आ जाती है।

सासाराम का हाईवे जगह-जगह टूटा हुआ है, सड़क से ज्यादा पेवंद लगे हुए हैं। हर कुछ महीनों पर टोल टैक्स की मनमानी की खबरें आती हैं। इतनी सारी कमियों के बावजूद टोल टैक्स पूरा वसूला जाता है, घटिया स्थिति के बावजूद टैक्स में कोई कमी नहीं की जाती।

जन विचार के एडीटर सिद्धांत सिंह का कहना है की इजरायल-इराक-फिलिस्तीन आदि के अनर्गल मुद्दों को छोड़कर, जाति-धर्म और पार्टियों में बंटा समाज जब तक एकजुट होकर अपने मूलभूत सुविधाओं के लिए आगे नहीं आएगा, तब तक व्यवस्था में बदलाव संभव नहीं होगा।

क्या यह संभव है कि जिस तरह से दूसरे देशों और जाति-धर्म के फालतू मुद्दों पर टीवी डिबेट होते हैं, धार्मिक पर्वों में उनके विरोध/समर्थन के गाने और झंडे लहराए जाते हैं, फर्जी अकाउंट बनाकर उनका समर्थन/विरोध किया जाता है — वैसा कुछ सड़क सुरक्षा के लिए भी हो? कोई करे? क्या यह संभव है? सोचिएगा ज़रूर

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जी पी सोनी

G P Soni is the co-founder and editor of Janvichar.in, a leading news and media platform. With over 10 years of experience in the media industry, G P Soni brings a wealth of knowledge and expertise to the team. His commitment to delivering high-quality, unbiased news has been instrumental in establishing Janvichar.in as a trusted source of information. He is the Student of P.H.D Mass Communication Media Student. He has worked many Brand news papers, and many more news Channels. He is a Socialist & news Blogger . He like searching investigative news . He is also Co-Founder of Saptsindhu Navchetan foundation.

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