
बिहार में स्वास्थ्य विभाग इस बार बाढ़ प्रभावित जिले में तैरते हुए अस्पताल बनाने की तैयारी कर रहा है. नाव पर ही पूरा अस्पताल बनेगा. जिसमें औषधालय के साथ-साथ डॉक्टर कंपाउंडर से लेकर नर्स तक तैनात रहेंगे. बिहार में 15 जिले बाढ़ की मार हर साल झेलते हैं और इस बार स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे सभी जिलों में नौका पर अस्पताल बनाने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. इन फ्लोटिंग हॉस्पिटल में कई प्रकार की सुविधाएं होंगी.स्वास्थ्य विभाग ने एक एक्शन प्लान के तहत इसको करने की तैयारी भी शुरू कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ प्रभावित जिले के सिविल सर्जन को इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. नौका चलाने वाले नाविक का भी व्यवस्था जिला के जिलाधिकारी करेंगे. सिविल सर्जन की ओर से यह सुनिश्चित करवाया जाएगा की नाव और नाविक उस जिले के ही हो जिन्हें क्षेत्र का अनुभव भी हो. दरअसल, तैरता हुआ अस्पताल नाव पर बनाया जाएगा और यह सबसे पहले जिला मुख्यालय में रहेगा. बाढ़ की स्थिति जब आएगी, तो फिर इस नाव को वहां से ट्रांसपोर्ट कर उस जगह पर ले जाया जाएगा, जहां बाढ़ से प्रभावित लोग रह रहे हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों को इलाज करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो यही सोचकर स्वास्थ्य विभाग ने इस तैरते हुए अस्पताल को बनाने का निर्णय लिया है.
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