
Caste Census जाति जनगणना पर मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जातियों की गणना जनगणना में होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जातियों का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए किया है। दरअसल जातिगत जनगणना का मतलब है जब देश में जनगणना की जाए तो इस दौरान लोगों से उनकी जाति भी पूछी जाए।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जाति जनगणना करने का फैसला लिया है। देश भर में शुरू होने वाली जनगणना के साथ ही यह आंकड़ा भी जुटाया जाएगा। इसके तहत जनगणना के फॉर्म में ही जाति का भी कॉलम होगा। इसके आधार पर ही जानकारी जुटाई जाएगी कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं। राहुल गांधी, अखिलेश यादव जैसे नेता लगातार मांग करते रहे हैं कि जाति जनगणना कराई जाए ताकि संसाधनों के बंटवारे, आरक्षण और लाभ के लिए नीतियां बनाने में मदद मिल सके। राहुल गांधी तो कई बार कहते रहे हैं कि हम सत्ता में आएंगे तो जाति जनगणना कराएंगे और आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को तोड़ देंगे। इस लिहाज से देखें तो विपक्ष के हाथ से सरकार ने जाति जनगणना वाले कार्ड को छीन लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से जातिगत जनगणना का विरोध किया है। दिवंगत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2010 में संसद में कहा था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ बल्कि एक सर्वे ही कराया गया। इसके बाद भी जाति जनगणना के विषय को INDI अलायंस के नेताओं ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने जातियों की गणना की है, लेकिन यह केंद्रीय सूची का विषय है। कई राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है, लेकिन कई प्रांतों में गैर-प्रमाणिक तरीके से यह काम हुआ है। दरअसल उनका इशारा कर्नाटक में हुई जाति जनगणना को लेकर था, जिसे लेकर वहां विवाद हो गया है।
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