
ग्रामीण इलाके में घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल गई है। हर महीने 50 यूनिट से अधिक खपत करने वाले ग्रामीण घरेलू और बीपीएल श्रेणी (कुटीर ज्योति) के सवा करोड़ उपभोक्ताओं को अब 40 पैसे यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। जिससे सवा करोड़ उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 हजार 995 करोड़ अनुदान के तौर पर खर्च करेगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस अनुदान की मंजूरी दी गई। अनुदान की घोषणा होते ही ग्रामीण इलाके में घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल गई है। महीने में 50 यूनिट से अधिक खपत करने वाले ग्रामीण घरेलू और बीपीएल श्रेणी (कुटीर ज्योति) के सवा करोड़ उपभोक्ताओं को अब 40 पैसे यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। जबकि राज्य के 63 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रखे उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। अब तक स्मार्ट मीटर लगा रखे उपभोक्ताओं को रिचार्ज कराने पर तीन फीसदी की छूट मिल रही थी। अब ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट मीटर लगा रखे घरेलू उपभोक्ताओं को 65 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 652 करोड़ अधिक खर्च करेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 15 हजार 343 करोड़ का अनुदान दिया था। वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत राज्य के विभिन्न श्रेणियों के 2.13 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 15 हजार 995 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया है। पिछले वित्तीय वर्ष से सरकार चार फीसदी अधिक राशि अनुदान मद में खर्च करेगी।गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से ही बिहार विद्युत विनियामक आयोग अनुदानरहित बिजली दरें तय कर रही हैं। इसके बाद सरकार अनुदान की घोषणा करती है। सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को 8130 करोड़, गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 1349 करोड़, कृषि व सिंचाई सेवा मद में 5055 करोड़, छोटे उद्योगों को 223 करोड़ और बड़े उद्योगों को 105 करोड़ का अनुदान देगी। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं में 0 से 50 यूनिट तक बिजली की दर 2.45 रुपए प्रति यूनिट थी जो अब भी कायम है। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि उत्पादन, संचरण एवं वितरण में बढ़ती लागत के कारण बिजली दर अधिक होती है। लेकिन उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार अनुदान देती है। प्रयास है कि हर घर तक सस्ती और निरंतर बिजली पहुंचे, जिससे बिहार के विकास को गति मिले।
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