
उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में गोलमाल भाई गोलमाल। दुश्मन देश की पाकिस्तानी महिला सरकारी स्कूल में 9 साल नौकरी कर लिया वेतन, प्रदेश के पात्र बेरोजगार वंचित।
घटना बरेली की है।
उत्तर प्रदेश सरकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों में इस कदर घूसखोरी का भ्रष्टाचार फैला है कि प्रदेश के गरीब और पात्र योग्य बेरोजगार युवकों युवतियों को नौकरी नहीं मिल रही है वल्कि पैसे के बदौलत अपात्र लोगों को नौकरी मिल जा रही है।
रिश्वत के बदौलत दुश्मन देश पाकिस्तान का भी नागरिक उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी हासिल कर वेतन हासिल कर लेता है। उत्तर प्रदेश के बरेली से बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ यहां एक दुश्मन देश पाकिस्तान की नागरिक महिला ने फर्जी निवास प्रमाणपत्र लगाकर बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी हासिल कर ली। क्या शिक्षा विभाग में जांच की सच्चाई भी भ्रष्टाचारी अधिकारियों के रिश्वतखोरी के आगे घुटने टेक देती है। दुश्मन देश पाकिस्तान की महिला 9 साल तक सरकारी स्कूल में बतौर टीचर बन वेतन लेती है।
इतना ही नहीं वह 9 साल से नौकरी कर रही थी और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई. एक गोपनीय शिकायत के बाद जांच की गई तो पूरा मामला खुलकर सामने आया. जिसके बाद टीचर को बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
शुमायला खान पाकिस्तान की रहने वाली हैं. शुमायला खान पिछले करीब 9 साल से सरकारी टीचर के पद पर नौकरी कर रही थी. 6 नवंबर 2015 को उसकी नियुक्ति हुई थी।
उसने रामपुर से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया. जिसके बाद उसका चयन हुआ और वह उसे फतेहगंज पश्चिमी के माधोपुर प्राथमिक स्कूल में तैनाती मिली।
गोपनीय शिकायत पर डीएम ने दिए थे जांच के आदेश
दरअसल, पिछले दिनों जिलाधिकारी बरेली को एक गोपनीय शिकायत मिली थी. जिसके बाद जांच बैठाई गई थी. जांच के बाद रामपुर सदर एसडीएम ने शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र खारिज कर दिया. जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने महिला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. शुमायला खान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
ऐसे हुआ पूरा खेल
पाकिस्तान की रहने वाली शुमायला खान उर्फ फुरकाना खान ने बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया. इसके बाद बरेली बेसिक शिक्षा विभाग ने बिना किसी जांच पड़ताल के अब से करीब 9 साल पहले नवंबर 2015 में उसे नौकरी देकर ज्वाइन करवा दिया. इसके बाद कई बार सरकारी नियमों के मुताबिक शुमायला खान के कागजों की जांच पड़ताल हुई, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से उसे छोड़ दिया गया. लेकिन पिछले कुछ समय पहले बरेली के जिलाधिकारी को एक गोपनीय शिकायत मिली. इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में इन अधिकारियों ने महिला को बर्खास्त कर उसके खिलाफ थाना फतेहगंज पश्चिमी में मुकदमा दर्ज करवा दिया. फिलहाल पुलिस पाकिस्तानी महिला की तलाश में जुटी है।
बेसिक शिक्षा विभाग पर सवाल
एक पाकिस्तानी नागरिक भारत के उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में 9साल तक सरकारी स्कूल में टीचर का कार्य किया शिक्षा विभाग पर उठ रहे हैं। शुमायला खान ने फर्जी निवास प्रमाणपत्र के बदौलत नौकरी हासिल कर 9 साल वेतन भी लिया। शिक्षा विभाग ने कई बार जांच भी किया जांच भी भ्रष्टाचारी अधिकारियों के सामने निष्पक्ष नहीं हुई।अब शुमायला खान को बर्खास्त कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विभाग वेतन वसूली की बात कर रहा है।
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