
जन सुराज नेता प्रशांत किशोर को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने न्यायालय की शर्तों के आधार पर बेल लेने से मना कर दिया है। पीके ने कहा है कि जेल में उनका अनशन जारी रहेगा।
पटना गांधी मैदान में बगैर अनुमति अनशन और सरकारी काम में बाधा पहुचाने के आरोप में गिरफ्तार जन सुराज नेता प्रशांत किशोर को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने न्यायालय की शर्तों के आधार पर बेल लेने से मना कर दिया है। उसके बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में उन्हें भेज दिया गया है। पीके ने कहा है कि जेल में उनका अनशन जारी रहेगा। कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान उन्होंने कहा कि रुकना नहीं है। रुक जाएंगे तो सरकार और प्रशासन का मन बढ़ जाएगा। सोमवार सुबह में प्रशांत किशोर को पुलिस ने बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया और करीब सात घंटे तक एंबुलेंस में घुमाने के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेश किया। जेल जाने से पहले कोर्ट परिसर में प्रशांत किशोर ने कहा कि वे रुकने वाले नहीं हैं। अगर रुक जाएंगे तो सबका मन बढ़ जाएगा। पीके ने बिहार सरकार और पटना प्रसाशन पर टारगेट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जेल में अनशन जारी रहेगा।बेल भी नहीं लेंगे और अनशन भी नहीं तोड़ेंगे। अब प्रसाशन को निपटने दीजिए। ये लोग यह सोच कर लाए थे कि यहां लाएंगे, बेल करवा देंगे और अनशन खत्म हो जाएगा। यह होने वाला नहीं है। प्रशांत किशोर के अधिवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के आधार पर बेल दिया था। आदेश दिया गया था कि 25 हजार का निजी मुचलका और भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का बॉन्ड भरें। पीके ने कोर्ट से आग्रह किया कि शर्त हटा दीजिए नहीं तो मान लिया जाएगा कि हमने गलती की। लेकिन कोर्ट ने शर्त वापस नहीं लिया और प्रशांत ने भी बॉन्ड नहीं भरा । उसके बात उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया। प्रशांत किशोर ने पहली बार अनशन किया और पहली बार जेल गए हैं। माना जा रहा है कि निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पीके हायर कोर्ट में अपील करेंगे।
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