
बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला रही है। हर प्रखंड में एक सरकारी स्कूल मॉडल स्कूल बनेगा। पहले जिला, फिर अनुमंडल और अंत में प्रखंड स्तर पर मॉडल स्कूल स्थापित होंगे। इससे दूसरे स्कूल सीखकर खुद को बेहतर बना सकेंगे। नवाचारी शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षकों की नियुक्ति में छात्र-शिक्षक अनुपात का ध्यान रखा जाएगा।
बिहार के सरकारी स्कूलों में बड़ा बदलाव आने वाला है। IAS अधिकारी एस. सिद्धार्थ ने हर ब्लॉक में एक मॉडल स्कूल बनाने का फैसला लिया है। यह काम पहले जिला स्तर पर शुरू होगा, फिर अनुमंडल और आखिर में ब्लॉक स्तर पर। इन मॉडल स्कूलों से दूसरे स्कूल सीखेंगे और खुद को बेहतर बनाएंगे। साथ ही, नए तरीके से पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकार प्रोत्साहित करेगी। शिक्षकों की नियुक्ति में छात्र-शिक्षक अनुपात का ध्यान रखा जाएगा। अरवल जिले में अपार ID कार्ड न बनाने वाले शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है।बिहार शिक्षा विभाग के ACS का बड़ा कदम
बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। इसके तहत राज्य के हर ब्लॉक में एक सरकारी स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने 21 दिसंबर 2024 को यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में हर जिले में एक मॉडल स्कूल बनाया जाएगा। अब राज्य के हर ब्लॉक में होगा एक खास स्कूल
दूसरे चरण में हर अनुमंडल में एक मॉडल स्कूल स्थापित होगा। आखिर में, हर ब्लॉक में एक मॉडल स्कूल तैयार किया जाएगा। इन मॉडल स्कूलों का उद्देश्य अन्य स्कूलों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना है। ताकि वे इनसे सीखकर खुद को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित कर सकें। इसके अलावा, जो शिक्षक नए और अनोखे तरीकों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, उन्हें सरकार प्रोत्साहित करेगी। ये स्कूल सेट करेंगे दूसरे विद्यालयों के लिए उदाहरण
इन मॉडल स्कूलों से दूसरे विद्यालय सीख लेंगे और टीचर-छात्र खुद को इसी के अनुसार ढालेंगे। इससे एक बेहतर व्यवस्था की नींव डलेगी। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि जो शिक्षक कक्षा में नए तरीके अपना रहे हैं, उनके वीडियो शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। इससे अन्य शिक्षक भी इन तरीकों को सीख सकेंगे और अपने शिक्षण में सुधार ला सकेंगे। उन्होंने कहा कि टीचरों का इकलौता काम बच्चों को बेहतर शिक्षा देना और अच्छा नागरिक बनाना है। शिक्षकों की बहाली पर भी बोले ACS
शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में बात करते हुए, डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि कुछ स्कूलों में क्लास कम हैं, लेकिन शिक्षकों की तादाद ज्यादा है। ऐसे स्कूलों को आइडेंटिफाई किया गया है और उनमें छात्र-शिक्षक अनुपात और विषयवार शिक्षकों की संख्या की रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षकों के स्थानांतरण और नियुक्ति में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात और विषयवार शिक्षकों की संख्या का सही अनुपालन हो। यह जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्थापना समिति को दी गई है।
News Source – NBT
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