
सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और हमास ने क़रीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था.
इसके बाद इसराइल ने ग़ज़ा पर हमले शुरू किये. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसराइल के हमले में अब तक 44,875 लोगों की मौत हो चुकी है और 100,000 से ज़्यादा घायल हो गए हैं.
इसराइल पर सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा था, “इसराइल पर हुए आतंकवादी हमलों की ख़बर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इसराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”
इसराइल पर हमास के हमले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने एक्स पर एक ट्वीट में कहा था, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसराइल के निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करती है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सदैव मानना रहा है कि आत्म-सम्मान, समानता और गरिमा के जीवन के लिए फ़लस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं को इसराइल के वैध राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को सुनिश्चित करते हुए केवल बातचीत की प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए. किसी भी प्रकार की हिंसा कभी भी कोई समाधान नहीं दे सकती है और इसे रोकना चाहिए.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने फ़लस्तीन पर भारत के रुख़ के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा था, “भारत हमेशा से फ़लस्तीन के लोगों के लिए एक संप्रभु, स्वतंत्र देश फ़लस्तीन की स्थापना के लिए सीधी बातचीत करने की वकालत करता रहा है. एक ऐसा देश बने जिसकी अपनी सीमा हो और फ़लस्तीनी वहां सुरक्षित रह सकें. जो इसराइल के साथ भी शांति के साथ रहे.”
बागची ने ये साफ़-साफ़ कहा कि भारत का फ़लस्तीनियों को लेकर ये रुख़ लंबे वक़्त से चला आ रहा है और इस नीति में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है.
भारत का रुख़ ‘दो राज्य समाधान’ पर टिका हुआ है.
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