
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई। लोकसभा के बाद हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरानी में डाल दिया। वहीं सीएम पद को लेकर काफी समय तक असमंजस की स्थिति बनी रही। इस बीच देवेंद्र फडणवीस ने सीएम की शपथ ली। महाराष्ट्र के बाद अगले साल बिहार में भी चुनाव होने हैं जिससे पहले नीतीश कुमार की चिंता बढ़ गई है।
महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में आने की भाजपा की जिद ने जदयू को सतर्क कर दिया है। उसे पहली बार लग रहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा और जदयू के विधायकों की संख्या में बड़ा अंतर आया तो वर्षों से दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बनी सहमति टूट भी सकती है। यही कारण है कि जदयू अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गया है।
तैयारी के लिहाज से देखें तो जदयू अन्य सभी दलों से आगे है। वहीं जदयू की अति सक्रियता के कारण समय पूर्व विधानसभा चुनाव की चर्चाएं भी होने लगी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले ही एनडीए के घटक दलों ने मुख्यमंत्री निवास में बैठक कर घोषणा की थी कि अगला चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
नीतीश ही अगले मुख्यमंत्री होंगे यह बताने की जरूरत इसलिए नहीं पड़ी, क्योंकि इसके पहले के चुनाव जब नीतीश के नेतृत्व में लड़े गए और जीत हुई तो वही मुख्यमंत्री भी बने। हाल ही में लोजपा सांसद अरुण भारती ने यह कहकर जदयू को चिंता में डाल दिया कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, जनता तय करेगी। अरुण भारती लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान के बहनोई हैं।
सांसद अरुण भारती ने यह भी कहा कि विधानसभा का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
राजनीति के जानकार मानते हैं कि भारती का वक्तव्य अनायास नहीं है, उन्होंने शांत तालाब में एक कंकड़ फेंक दिया है।
लोजपा सांसद की टिप्पणी पर जदयू की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन कोई समझदार इसे यह कहकर खारिज भी नहीं कर रहा है कि भारती पहली बार सांसद बने हैं। उन्हें राजनीति की गहरी समझ नहीं है। इधर, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार दावा कर रहे हैं कि नीतीश न सिर्फ अगले विधानसभा चुनाव का नेतृत्व करेंगे, बल्कि अगली सरकार भी उन्हीं के नेतृत्व में बनेगी।
संयोग से बिहार में महाराष्ट्र की तरह ही इस समय एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री हैं। दोनों उप मुख्यमंत्री भाजपा के हैं। अतीत में कभी यह चर्चा भी चली थी कि नीतीश केंद्र की राजनीति में जाएंगे और भाजपा को मुख्यमंत्री का पद दे दिया जाएगा। फिलहाल, एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 225 सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जाहिर है, इसमें अधिक सीट जीतने की आपसी होड़ भी शामिल है।
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