
चुनाव परिणाम 2024 के चुनावी नतीजे अब सामने आ रहे हैं, और महाराष्ट्र और झारखंड में वोटों की गिनती में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र में 288 और झारखंड में 81 रिजॉर्ट पर चुनाव हुए, अनुपात गिनती अब अंतिम चरण में है। प्रादेशिकों में स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत हो रही है, जिसने एमवी (महाविकास आघाड़ी) को बुरी तरह से पछाड़ दिया है। वहीं, झारखंड में मुख्यमंत्री रसेल सोरेन एक बार फिर अपनी ताकत साबित कर रहे हैं, और वे राज्य में सरकार बनाने की दिशा में अपने मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं।
महाराष्ट्र में महायुति की ओर से जो प्रदर्शन कर रहा है, उसे “प्रचंड जीत” कहा जा सकता है। महायुति ने एमवीए की गाड़ी को पूरी तरह से पंचर कर दिया है, और बीजेपी सहित अन्य घटक घटकों ने राज्य में डायनामिक लॉगिन की प्रविष्टि की है। शुरुआती रुझानों में महायुति बहुमत के आंकड़ों से बहुत आगे निकल गया है। रुझानों के अनुसार, महायुति को 200 क्षेपं का पात्र पार करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है, और अब तक वह 218 क्षेपं का पात्र पार करने में आगे चल रही है। वहीं, एमवीए मार्श 56 क्वार्टर पर ही आगे है।
यहां तक कि अन्य दल भी कुछ योग्यता पर अच्छी पकड़ बना रहे हैं, लेकिन एमवी का प्रदर्शन बहुत ही खराब नजर आ रहा है। इस नतीजे से बीजेपी के लिए यह एक ऐतिहासिक जीत साबित हो रही है, क्योंकि इससे पहले 2014 में बीजेपी को 122 सीटें मिली थीं, जो अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। लेकिन अब, 2024 में बीजेपी ने अपनी ताकत और भी मजबूत कर ली है और वह 126 सीटों तक पहुंच गयी है।
वहीं, झारखंड में मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने 24 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए सरकार की ओर से व्यवसाय शुरू किया है। झारखंड में हर बार सत्ता में बदलाव आया है, लेकिन इस बार रसेल सोरेन ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस गठबंधन को 50 बढ़त पर बढ़त मिल रही है, जबकि बीजेपी गठबंधन को 30 ताकत पर बढ़त मिल रही है। झारखंड में यह बदलाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में अब तक किसी भी सरकार ने अपने पद के बाद सत्ता में वापसी नहीं की थी।
महाराष्ट्र में महायुति की जीत के पीछे भाजपा की रणनीति और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की अहम भूमिका मानी जा रही है, महागठबंधन के बागी नेता के रूप में सत्ता में वापसी की थी। वहीं, झारखंड में अपने राज्य के विकास और स्मारकों के विकास और पर्यटन के उद्देश्यों को प्रमुखता से बनाया गया है।
कुल मिलाकर, महाराष्ट्र और झारखंड दोनों हीवी राज्यों में चुनावी नतीजे अब तक बीजेपी और महायुति के पक्ष में जा रहे हैं, जबकि एमे और बीजेपी गठबंधन के बीच संघर्ष के बावजूद महायुति ने एक बड़ी जीत हासिल की है। इन साइंटलिस्ट से यह स्पष्ट हो रहा है कि बीजेपी और उनके सहयोगी आश्रम राज्य में बढ़त बनाकर सफल हो रहे हैं, जबकि इस चुनाव में उम्मीदवारों के मुताबिक उम्मीदवारी को सफलता नहीं मिल पाई है।
आगे की स्थिति पर ध्यान दें कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की क्या वापसी है या कोई नया मुख्यमंत्री बना है। वहीं, झारखंड में रसेल सोरेन का नेतृत्व मजबूत दिख रहा है, और राज्य में अपनी सरकार बनाने के करीब हैं।
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