
नवरात्रि के छठे दिन का विशेष महत्व है और इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ कात्यायनी, माँ दुर्गा का एक उग्र रूप हैं, जिन्हें शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था, जो एक शक्तिशाली राक्षस था। इसलिए, उन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
माँ कात्यायनी की कथा
कथा के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने माँ दुर्गा की कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ दुर्गा ने उन्हें वरदान दिया कि वे उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी। महर्षि कात्यायन के घर जन्म लेने के कारण उनका नाम कात्यायनी पड़ा। जब महिषासुर का अत्याचार बढ़ गया, तब देवताओं ने माँ कात्यायनी से सहायता की प्रार्थना की। माँ कात्यायनी ने महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त किया। इस प्रकार, माँ कात्यायनी को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
पूजा विधि
माँ कात्यायनी की पूजा विधि में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
- मूर्ति स्थापना: माँ कात्यायनी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- पुष्प अर्पण: माँ कात्यायनी को ताजे फूल अर्पित करें। लाल रंग के फूल विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
- मंत्र जाप: माँ कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें। उनका प्रमुख मंत्र है:
“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः”
इसके अलावा, आप निम्नलिखित मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं:
“या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
- प्रसाद: माँ को फल, मिठाई और अन्य प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद को भक्तों में बांटें।
- आरती: माँ कात्यायनी की आरती करें और भजन गाएं।
माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व
माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में किसी भी प्रकार की बाधाओं का सामना कर रहे हैं। माँ कात्यायनी की कृपा से वे इन बाधाओं को पार कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, नवरात्रि के छठे दिन का एक और महत्वपूर्ण पहलू है कि यह दिन शक्ति और साहस का प्रतीक है। माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को अपने जीवन में साहस और आत्मविश्वास मिलता है। यह दिन उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। माँ कात्यायनी की कृपा से वे इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति और संतुलन मिलता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में मानसिक तनाव और चिंता का सामना कर रहे हैं। माँ कात्यायनी की कृपा से वे मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में संतुलन बना सकते हैं।
इस प्रकार, नवरात्रि के छठे दिन का विशेष महत्व है और इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह दिन शक्ति, साहस, और मानसिक शांति का प्रतीक है और माँ कात्यायनी की कृपा से भक्त अपने जीवन में सफलता और संतुलन प्राप्त कर सकते हैं।
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