
कोलकाता की ट्राम सेवा को बंद करने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण और आंकड़े हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1. यातायात जाम
कोलकाता की सड़कों की चौड़ाई कम है और वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ट्रामों के कारण सड़कों पर यातायात जाम की समस्या बढ़ जाती है। ट्रामों की धीमी गति और उनके लिए अलग से ट्रैक की आवश्यकता होने के कारण अन्य वाहनों के लिए जगह कम हो जाती है.
2. धीमी गति
ट्रामों की गति अन्य परिवहन साधनों की तुलना में काफी धीमी है। औसतन, ट्राम की गति 10-15 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि बसें और मेट्रो 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलती हैं. इससे यात्रियों को समय पर अपने गंतव्य तक पहुँचने में कठिनाई होती है।
3. आधुनिक परिवहन की आवश्यकता
कोलकाता जैसे तेजी से बढ़ते शहर में लोगों को तेज और सुविधाजनक परिवहन साधनों की आवश्यकता है। मेट्रो, बस और अन्य आधुनिक परिवहन साधनों की उपलब्धता ने ट्रामों की उपयोगिता को कम कर दिया है। मेट्रो की औसत गति 60-80 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जो ट्रामों की तुलना में कहीं अधिक है.
4. रखरखाव की लागत
ट्रामों के रखरखाव और संचालन की लागत बढ़ती जा रही है। ट्राम ट्रैक, बिजली आपूर्ति और ट्राम कारों के रखरखाव पर भारी खर्च होता है। इसके बावजूद, ट्रामों का उपयोग कम हो रहा है, जिससे यह आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गया है.
5. वैकल्पिक परिवहन साधन
मेट्रो, बस और अन्य आधुनिक परिवहन साधनों की उपलब्धता ने ट्रामों की उपयोगिता को कम कर दिया है। मेट्रो और बसें अधिक तेज, सुविधाजनक और सस्ती हैं, जिससे लोग इनका अधिक उपयोग कर रहे हैं.
6. पर्यावरणीय प्रभाव
हालांकि ट्रामें पर्यावरण के लिए बेहतर होती हैं क्योंकि वे बिजली से चलती हैं और प्रदूषण नहीं करतीं, लेकिन उनकी धीमी गति और यातायात जाम के कारण वे अप्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण बढ़ा सकती हैं। ट्रामों के कारण यातायात जाम में फंसे वाहन अधिक ईंधन जलाते हैं और अधिक प्रदूषण करते हैं.
7. धरोहर मार्ग
पश्चिम बंगाल सरकार ने ट्राम सेवा की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए मैदान से एस्प्लानेड के बीच एक धरोहर मार्ग को बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह मार्ग पर्यटकों और ट्राम प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहेगा.
आंकड़े और जानकारी
- ट्राम सेवा की शुरुआत: 24 फरवरी 1873
- पहली विद्युत ट्राम: 27 मार्च 1902
- ट्राम नेटवर्क का विस्तार: 1960 के दशक तक 37 ट्राम लाइनें
- वर्तमान ट्राम मार्ग: केवल एक धरोहर मार्ग (मैदान से एस्प्लानेड)
- औसत ट्राम गति: 10-15 किलोमीटर प्रति घंटा
- मेट्रो की औसत गति: 60-80 किलोमीटर प्रति घंटा
इन सभी कारणों और आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, कोलकाता की ट्राम सेवा को बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय शहर की परिवहन आवश्यकताओं और आर्थिक व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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