
अगर आपको तेज बुखार आ रहा हो, बदन दर्द, सर एवं जोड़ों में दर्द, नाक, मसूड़ों से उल्टी के साथ खून निकलना, त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते का निशान जैसे लक्षण दिख रहे हों तो आप लापरवाही नहीं बरतें, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
आप डेंगू से पीड़ित हो सकते हैं। उक्त जानकारी कैमूर के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. शांति कुमार मांझी ने दी। उन्होंने कहा कि डेंगू के इलाज और रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद है, और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फ्री एम्बुलेंस सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए डेंगू से पीड़ित मरीज या परिजन 102 नम्बर डायल कर सकते हैं। इलाज या विशेष जानकारी या परामर्श/शिकायत के लिए टॉल फ्री नम्बर 104 से संपर्क कर सकते हैं।
डा. शांति कुमार मांझी ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। वैसे व्यक्ति दोबारा डेंगू की आशंका होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल/चिकित्सक से संपर्क करें।
तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रुफेन की गोलियां का कदापि इस्तेमाल नहीं करें। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है।
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने डेंगू से बचने के लिए उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें, घर एवं सभी कमरों को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाएं रखें , टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी/फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल में अन्य जगहों पर पानी न जमने दें।
अपने आसपास के जगहों को साफ-सुथरा रखें एवं गंदगी पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। गमला, फुलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदलें। जमें हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें। उन्होंने कहा कि हर बुखार डेंगू नहीं है। समय से उपचार कराने पर डेंगू के मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाते हैं।
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हालांकि इस सीजन में अभी तक कैमूर जिले में डेंगू का कोई भी मामला अब तक सामने नहीं आया है। फिर भी सदर अस्पताल भभुआ तथा सभी अनुमंडलीय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इस बीमारी से निपटने के लिए तैयार है और जरुरी के सारी व्यवस्थाएं कर चुका है।
सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल भभुआ में 10 बेड का अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया है। साथ ही अनुमंडल अस्पताल मोहनियां में 05 बेड तथा सभी प्रखंड स्तरीय सामुदायिक अस्पतालों में दो-दो बेड डेंगू पीड़ितों के लिए व्यवस्था की गई है।
उन्होंने स्वास्थ्य प्रबंधक व अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अस्पताल की साफ-सफाई में कोई कोताही नहीं बरती जाए, और थोड़ी भी आशंका होने पर डेंगू के सभी जरूरी टेस्ट करवाए जाएं।
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