सीपी राधाकृष्णन चुने गए भारत के उपराष्ट्रपति, बी सुदर्शन रेड्डी को हराया

एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति चुने गए हैं.

मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में उनके हक़ में कुल 452 वोट पड़े.

उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि मतगणना शाम छह बजे शुरू हुई.

उन्होंने बताया कि कुल 767 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट दिया. इनमें से 752 वैलिड थे और बाकी 15 अमान्य करार दिए गए. उनके सामने विपक्षी पार्टियों के साझा उम्मीदवार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी चुनौती पेश कर रहे थे. हालांकि, संख्या बल एनडीए के हक़ में रहने की वजह से सीपी राधाकृष्णन का जीतना पहले से तय माना जा रहा था. लेकिन ऐसी भी अटकलें थी कि क्रॉस वोटिंग हो सकती है. बी सुदर्शन रेड्डी को 300 फ़र्स्ट प्रेफ़रेंस वोट मिले और सीपी राधाकृष्णन को 452. पीसी मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के नियमों के मुताबिक, सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुना गया है. पीसी मोदी ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 98.2 फ़ीसदी वोटिंग हुई.

• कैसा था पिछला चुनाव

उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए पिछले चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने बड़ी जीत हासिल की थी. लेकिन जुलाई में धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. अगस्त 2022 में हुए चुनावों में कुल 725 वोटों में से जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे. यानी वे क़रीब 73% मतों के साथ विजयी हुए थे.

* आरएसएस से जुड़ाव और फिर सक्रिय राजनीति

महाराष्ट्र राजभवन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 20 अक्तूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सी पी राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करके वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने. 1996 में उन्हें तमिलनाडु में बीजेपी का सचिव नियुक्त किया गया. इसके बाद वह कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने. सांसद रहते हुए वे संसदीय स्थायी समिति (कपड़ा मंत्रालय) के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा सी पी राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य थे. 2004 में सी पी राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे. 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उन्होंने चार साल तक काम किया. उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशा का निर्यात 2532 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया. 2020 से 2022 तक राधाकृष्णन बीजेपी के केरल प्रभारी थे.

• कैसे होता है उप राष्ट्रपति का चुनाव?

उप राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है, जिसके निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए सांसदों के साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उप राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है. ख़ास बात यह है कि दोनों सदनों के लिए मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते लेकिन वे उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं. उप राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा हो जाने के 60 दिनों के अंदर चुनाव कराना ज़रूरी होता है. इसके लिए चुनाव आयोग एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करता है जो मुख्यत: किसी एक सदन का महासचिव होता है. निर्वाचन अधिकारी चुनाव को लेकर पब्लिक नोट जारी करता है और उम्मीदवारों से नामांकन मंगवाता है. उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के पास 20 प्रस्तावक और कम से कम 20 अन्य अनुमोदक होने चाहिए. प्रस्तावक और अनुमोदक राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य ही हो सकते है. उम्मीदवार को 15 हज़ार रुपए भी जमा कराने होते हैं. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं. कोई व्यक्ति भारत का उप राष्ट्रपति चुने जाने के लिए तभी योग्य होगा जब वह कुछ शर्तों को पूरा करता हो. जैसे, वह भारत का नागरिक होना चाहिए, उम्र 35 साल से कम नहीं होनी चाहिए और वह राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो. अगर कोई भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कोई लाभ का पद रखता है तो वह उप राष्ट्रपति चुने जाने के योग्य नहीं होगा.

Source – BBC Hindi.

Loading


Discover more from जन विचार

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

1 Retirement Age New Rule: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लेते हुए शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र को एक वर्ष बढ़ा दिया है। इस फैसले…

Loading

Read more

Continue reading
बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

1 बिहार की राजनीति में वंशवाद एक गंभीर समस्या बनी हुई है। राज्य के 27% सांसद और विधायक राजनीतिक परिवारों से हैं जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। एडीआर…

Loading

Read more

Continue reading

Leave a Reply

You Missed

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

Discover more from जन विचार

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading