वोटर लिस्ट में सुधार पर रोक…’ बिहार SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, चुनाव आयोग ने दिया राजनीतिक दलों को भरोसा

Bihar Voter List: वोटर लिस्ट में दावे और आपत्तियों की टाइम लिमिट को बढ़ाने के लिए आरजेडी ने दो हफ्ते की मांग की थी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि 1 सितंबर के बाद भी सुधार दाखिल करने पर कोई रोक नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार SIR को लेकर हुई सुनवाई में चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार के लिए वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट के संबंध में दावे और आपत्तियां एक सितंबर की समय सीमा के बाद भी दायर किए जा सकते हैं। इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर कोई विशेष निर्देश देने से इनकार कर दिया, जिसमें इसके लिए और समय मांगा गया था।

दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल ने एक आवेदन में दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए 1 सितंबर की समय सीमा से आगे दो सप्ताह का समय मांगा था। इसका जवाब देते हुए, ईसीआई ने एक नोट में जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ को बताया कि “01.09.2025 के बाद दावे या आपत्तियां या सुधार दाखिल करने पर रोक नहीं है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आपत्तियों को समय सीमा के बाद भी जमा किया जा सकता है। 01.09.2025 के बाद दावों, आपत्तियों या सुधारों के लिए जमा किए गए आवेदनों पर मतदाता सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बाद विचार किया जाएगा। दावों और आपत्तियों पर विचार करने की प्रक्रिया नामांकन की अंतिम तिथि तक जारी रहती है, और सभी प्रविष्टियाँ और बहिष्करण अंतिम सूची में शामिल कर दिए जाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियों के मुद्दे पर क्या कहा?

चुनाव आयोग की बातों का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि समय सीमा बढ़ाने के संबंध में नोट में कहा गया है कि 1 सितंबर के बाद दावे/आपत्तियाँ या सुधार दाखिल करने पर रोक नहीं है। यह कहा गया है कि दावे/आपत्तियां/सुधार समय सीमा के बाद, यानी 1 सितंबर के बाद भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। वोटर लिस्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद उन पर विचार किया जाएगा। यह प्रक्रिया नामांकन की अंतिम तिथि तक जारी रहेगी और सभी समावेश/बहिष्करण अंतिम नामावली में शामिल कर लिए जाएंगे।

मंगलवार दोपहर से पहले पूरा करें’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दृष्टिकोण के आलोक में, दावे/आपत्तियां/सुधार दाखिल करने का काम जारी रखा जाए। इस बीच, राजनीतिक दल/याचिकाकर्ता नोट के जवाब में अपने हलफनामे जमा कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश जारी करें कि वे पैरालीगल स्वयंसेवकों को उनके नाम और मोबाइल नंबर सहित नियुक्त या अधिसूचित करें, जो व्यक्तिगत मतदाताओं और राजनीतिक दलों को दावे, आपत्तियाँ या सुधार ऑनलाइन प्रस्तुत करने में सहायता करेंगे। यह कार्य मंगलवार दोपहर से पहले पूरा करना होगा।

बिहार SIR मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मतदाता सूची में शामिल 2.74 करोड़ मतदाताओं में से 99.5 प्रतिशत ने अब तक पात्रता दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि जिन मतदाताओं के दस्तावेज अधूरे हैं, उन्हें 7 दिनों के भीतर नोटिस जारी करना जारी है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने आगे कहा कि दावे और आपत्तियां दाखिल करने की 1 सितंबर की समय सीमा में कोई भी विस्तार एसआईआर प्रक्रिया और मतदाता सूची को अंतिम रूप देने में बाधा उत्पन्न करेगा।

Loading


Discover more from जन विचार

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

24 बिहार चुनाव में पहले से ही कई पार्टियों व कई सामाजिक संस्थान अपना अपना दम भरते हुए ताल ठोक रहे हैं अभी बिहार राजनीति में ना एंट्री लिए प्रशांत…

Loading

Read more

Continue reading
कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

1 Retirement Age New Rule: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लेते हुए शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र को एक वर्ष बढ़ा दिया है। इस फैसले…

Loading

Read more

Continue reading

Leave a Reply

You Missed

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

Discover more from जन विचार

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading