
इस साल के आखिरी में बिहार विधानसभा 2025 का चुनाव होने को है, इसको लेकर माहागठबंधन के नेताओं ने अपनी कमर कस ली है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के विभिन्न नेताओं के बिच बैठके शूरू हो गई है. इसी क्रम में आज यानी गुरुवार को पटना में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर बैठक बुलाई गई है। चुनाव को लेकर महागठबंधन की यह चौथी बैठक है।
इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसमें सबसे अहम है- महागठबंधन का सीएम फेस, जिसपर आज तस्वीर साफ हो सकती है। साथ ही बैठक में महागठबंधन के विभिन्न पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किए जाने की भी संभावना है।
आज की बैठक में साझा चुनाव प्रचार अभियान, कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की रूपरेखा और चुनावी रणनीति, चुनावी मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हो रही है। बैठक में बूथ स्तर तक सहयोगी दलों में समन्वय को लेकर भी मंथन किया जाएगा। इसके अलावा NDA सरकार को किन मुद्दों पर घेरना है, इस पर विस्तार से चर्चा होगी।
बैठक में महागठबंधन के सभी घटक दल राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, CPI, CPM और VIP के शीर्ष नेता शामिल हैं। राजद से तेजस्वी यादव के साथ अब्दुल बारी सिद्दीकी, संजय यादव, आलोक मेहता और रणविजय साहू भी बैठक में मौजूद हैं।
कांग्रेस की ओर से पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और वरिष्ठ नेता एंव पूर्व अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा बैठक में शामिल हैं।
भाकपा माले से कुणाल, धीरेंद्र झा और राजाराम सिंह, CPM से ललन चौधरी, अजय कुमार और अवधेश कुमार, जबकि CPI से रामनरेश पांडेय, रामबाबू कुमार और अजय कुमार सिंह बैठक में हिस्सा लेंगे। VIP प्रमुख मुकेश सहनी भी बैठक में मौजूद हैं।
इस बैठक की सबसे बड़ी उत्सुकता महागठबंधन के सीएम फेस को लेकर है। आरजेडी पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान चुकी है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक औपचारिक सहमति नहीं दी है।
ऐसे में क्या 12 जून को यानी आज महागठबंधन तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट घोषित करेगा? अगर ऐसा होता है, तो यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि 2025 की सियासी लड़ाई का सीधा ऐलान होगा।
• 17 अप्रैल 2025: महागठबंधन की पहली बैठक 17 अप्रैल को पटना स्थित राजद कार्यालय में 3 घंटे तक चली थी। इस बैठक के दौरान तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था।
• 24 अप्रैल 2025: महागठबंधन की दूसरी बैठक 24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में हुई थी, जो करीब 1 घंटे 15 मिनट तक चली। इस बैठक में भी तेजस्वी यादव ने स्पष्ट संकेत दिए कि चुनाव के बाद महागठबंधन की ओर से वही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
• 3 मई 2025: पटना के दीघा-आशियाना रोड स्थित दीघा रिसॉर्ट में महागठबंधन की तीसरी बैठक हुई। बैठक का नाम इंडिया गठबंधन संवाद कार्यक्रम नाम दिया गया। 3 घंटे तक चली बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं से अपनी उपलब्धता गिनाने को कहा। और चौथी बैठक आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हूई है।
महागठबंधन की पिछली बैठकों में 21 सदस्यों की एक समन्वय समिति भी गठित की गई थी, जिसमें सभी दलों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। यह समिति चुनावी रणनीति, गठबंधन के भीतर समन्वय और संगठनात्मक निर्णयों को अंतिम रूप देने में सक्रिय भूमिका निभाएगी।
वहीं इस बैठक को लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. एक तरफ बीजेपी हमलावर है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां ने भी पलटवार किया है. चुनाव से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गई है.
बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा का कहना है कि महागठबंधन में एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बनी हुई है. यहां एक-एक सीटों के लिए धक्का-मुक्की है. महागठबंधन की आज होने वाली बैठक में किसी नतीजे की उम्मीद नहीं की जा सकती है. खाओ-पियो और बैठक समाप्त करो, यही होने वाला है.
प्रभाकर ने कहा, “243 सीटों के लिए मारामारी की स्थिति बनी हुई है. इनके घटक दलों में जो सीटों के लिए घमासान मचा हुआ है वह 400 सीट भी पूर्ति नहीं कर पाएगी. इनमें सीटों के लिए वाम दलों में भिड़त की नौबत है जबकि इनका तो जनाधार भी नहीं है. 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में पांच दल थे.इस बार संख्या बढ़कर सात हो गई है. आरजेडी और कांग्रेस की दावेदारी के आगे छोटे दल की क्या स्थिति होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा.”
वहीं महागठबंधन की इस बैठक पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा, “महागठबंधन की पिछली सभी बैठकों में आरजेडी और कांग्रेस के बीच यह प्रतिस्पर्धा देखी गई कि किसका पलड़ा भारी हो, इसलिए इस बैठक से भी कोई रिजल्ट नहीं निकलना है. यह महज दिखावे के लिए बैठक करते हैं.”
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह गठबंधन नहीं है, यह ठगबंधन है और हमने बार-बार देखा है कि यह विफल रहा है. ये लोग केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक साथ आते हैं, लेकिन जब फायदा न हो तो एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं.”
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