
बिहार में पहली बार आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार के खिलाड़ीयों ने इतिहास रच दिया है. इस इवेंट में पहली बार बिहार के खिलाड़ियों ने अलग-अलग खेलों में अपना दमखम दिखाते हुए तीन दर्जन (कुल 36) पदक जीते है. इसमें 7 गोल्ड, 11 सिल्वर और 18 ब्रॉन्ज मेडल है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुरूआत 2018 में हुआ, पिछले सात सालों में बिहार ने कुल 34 पदक जीते है. लेकिन, इस बार के आयोजन में बिहार 36 पदक जीत कर खेलों इंडिया में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश स्तर पर अपनी धाक जमा दी. बिहार पदक तालिका में 14वें स्थान पर है, जबकि पिछली बार के खेलो इंडिया में बिहार की झोली में महज पांच पदक ही आए थे। वहीं इस बार बिहार के खिलाड़ीयों ने अपने 7 सालों का रिकार्ड तोड़ते हुए इस बार कुल 36 पदक जीत कर नया इतिहास बनाया है.
*पिछले सात सालों में बिहार का प्रदर्शन*
2018 में एक पदक, 2019 में पांच पदक, 2020 में नौ पदक, 2021 में दो पदक, 2022 में सात पदक, 2023 में पांच पदक एंव 2025 में कुल 36 पदक जितें.
*बिहार को पिछे छोड़ तमिलनाडु ने कैसे मारी बाजी*
लड़कों की 4×400 मीटर रिले में बिहार की टीम स्वर्ण की ओर अग्रसर थी, लेकिन दूसरे चरण में दौड़ रहे राज सिन्हा अंतिम पांच मीटर में गिर गए, जिससे टीम डिसक्वालिफाई हो गई। तमिलनाडु ने मौके का फायदा उठाते हुए गोल्ड जीत लिया।
*पदक तालिका में शीर्ष पांच राज्यों कि सूची*
• महाराष्ट्र कुल 149 पदक जितें, जिसमें 56 गोल्ड शामिल है
• हरियाणा कुल 107 पदक जितें, जिसमें 35 गोल्ड शामिल है
• राजस्थान कुल 55 पदक जितें, जिसमें 22 गोल्ड शामिल है
• कर्नाटका कुल 54 पदक जितें, जिससमें 16 गोल्ड शामिल है
• तमिलनाडु कुल 63 पदक जितें, जिसमें 15 गोल्ड शामिल है
*एथलेटिक्स में शीर्ष तीन राज्यों कि सूची*
महाराष्ट्र एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में 10 गोल्ड, एक रजत और दो कांस्य पदक के साथ शीर्ष पर रहा। हरियाणा ने 19 पदक जीते, जिसमें छह गोल्ड, छह रजत और सात कांस्य पदक शामिल हैं। तमिलनाडु ने छह गोल्ड, छह रजत और छह कांस्य पदक जीते।
*तमिलनाडु कि एडविना जेसन ने बनाया इतिहास*
एडविना जेसन (तमिलनाडु) को रजत मिला और उन्होंने पहले 800 मीटर में शानदार वापसी करते हुए महाराष्ट्र की जान्हवी हिरूडकर को अंतिम कुछ मीटरों में पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण हासिल किया। इससे पहले उन्होंने 400 मीटर भी जीता था और अब वह 400-800 मीटर डबल जीतने वाली दुर्लभ धाविका बन गईं। वहीं बिहार की खुशी यादव ने 2000 मीटर स्टीपलचेज़ में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9:52.10 के समय में जीत दर्ज की। दो लैप बाकी रहते ही वह बाकी धाविकाओं से आगे निकल गईं। यह बिहार की एथलेटिक्स में दूसरा स्वर्ण पदक रहा। इससे पहले अल्का सिंह ने शॉट पुट में राज्य को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था।
*बिहार ने अपने खेल प्रदर्शनों में कैसे किया सुधार*
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजी रवीन्द्रन शंकरण ने कहा कि ये बिहार है… हम इतिहास लिखते नहीं, रचते हैं। इसे हमारे प्रतिभावान खिलाड़ियों ने सच कर दिखाया है। यह चार साल की मेहनत का नतीजा है। हर खेल के विशेषज्ञ कोच से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दिलाई गई। विदेशी कोच भी बुलाए गए। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण रजिस्टर्ड हुआ और खेल विभाग का गठन हुआ। हमारे खिलाड़ी भी खूब मेहनत कर रहे हैं। यही वो बात है कि बिहार का प्रदर्शन दिनोंदिन निखरता जा रहा है। एक बड़े आयोजन की मेजबानी करना एक बात है, लेकिन दर्जनों पदक जीतना बहुत बड़ी बात है। हमें इस पर गर्व है। हालांकि कुछ खिलाड़ी मामूली गलती नहीं करते तो बिहार को अभी चार-पांच गोल्ड मेडल और मिल सकते थे।
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