दिल्ली हाईकोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिला भारी कैश

 

 

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में भारी मात्रा में कैश मिला है. इसका पता तब चला जब उनके घर में आग चली. इस घटना के दौरान वो शहर से बाहर थे. आग लगने पर परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी. आग बुझाने पहुंची टीम को भारी मात्रा में कैश मिला. इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस वर्मा को ट्रांसफर करके उनके मूल कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है. घर में भारी मात्रा में कैश मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. ऐसे में सवाल है कि कोई भी शख्स घर में कितना कैश रख सकता है?

 

*घर में कितना कैश रख सकते हैं:*

 

टैक्स विशेषज्ञ कहते हैं, घर में कितना कैश रखें इसको लेकर इनकम टैक्स एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है. कोई भी शख्स घर या ऑफिस में कितना भी कैश रख सकता है, लेकिन ध्यान रखने वाली बात है कि उसका सोर्स स्पष्ट होना चाहिए. वो धन कहां से आया है, इसकी जानकारी स्पष्ट तौर पर आपके पास होनी चाहिए. इसकी जानकारी सोर्स के साथ ITR में देनी होगी. इनकम टैक्स एक्ट कहता है, सारी नकदी अधिकृत स्रोतों से आए और उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए. क्लियर टैक्स की रिपोर्ट में कर विशेषज्ञ शेफाली मुंदडा कहती हैं, अगर कोई शख्स यह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता है कि उसके पास इतना टैक्स कहां से आया तो उसे अघोषित कैश में गिना जाएगा और उस पर 78 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा. इसमें 60 फीसदी टैक्ट रेट, 25 फीसदी सरचार्ज और 4 फीसदी हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगेगा. इनकम टैक्स 1961 का सेक्शन 270A कहता है, कम आय रिपोर्ट करने पर जुर्माना देय कुल कर का 200% तक हो सकता है. ब्लैक मनी एक्ट, 2015 में जानबूझकर कर चोरी करने पर जुर्माने के साथ-साथ 3 से 10 साल तक की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है. उदाहरण के लिए, अगर आप कोई बिजनेस चला रहे हैं तो इससे आने वाला पैसा कैश बुक से मेल खाना चाहिए. यहां तक ​​कि गैर-व्यवसायिक लोगों के लिए भी ऐसी नकदी के स्रोत स्पष्ट रखना अनिवार्य होता है. यह बैंक से निकाली गई नकदी या अन्य स्रोतों से प्राप्त नकद रसीदें हो सकती हैं.

 

*रिकॉर्ड को मेंटेन करना जरूरी:*

 

विशेषज्ञों का कहना है, न तो कर कानून और न ही आरबीआई के नियमों में आपके पास रखी जाने वाली नकदी की मात्रा पर कोई प्रतिबंध है।

               हालांकि, कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए. नगदी को लेकर होने वाली समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि फाइनेंशियल रिकॉर्ड मेंनटेन किए जाएं. सभी लेन-देन स्पष्ट हों. कर विनियमों का पालन किया जाए. फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को अपडेट करें और इसकी समीक्षा की जाए. नगदी रखने को लेकर किसी भी तरह की कोई चिंता हो तो कर एक्सपर्ट से बात करें।

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जी पी सोनी

G P Soni is the co-founder and editor of Janvichar.in, a leading news and media platform. With over 10 years of experience in the media industry, G P Soni brings a wealth of knowledge and expertise to the team. His commitment to delivering high-quality, unbiased news has been instrumental in establishing Janvichar.in as a trusted source of information. He is the Student of P.H.D Mass Communication Media Student. He has worked many Brand news papers, and many more news Channels. He is a Socialist & news Blogger . He like searching investigative news . He is also Co-Founder of Saptsindhu Navchetan foundation.

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