Budget Review: भले ही कमाई 12 लाख रुपये से कम हो, फिर भी इन लोगों को देना होगा इनकम

सैलरी के साथ कैपिटल गेन से हुई आमदनी के मामलों में भले ही कमाई 12 लाख रुपये से कम हो, फिर भी इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा। इसका कारण विशेष प्रकार की आय पर लागू इनकम टैक्स रूल्स हैं।

बजट में टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम के तहत महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसमें 12 लाख रुपये तक की इनकम पर विशेष कर छूट (रिबेट) बढ़ाकर इसे कर पूरी तरह कर मुक्त किया गया है। हालांकि, सैलरी के साथ कैपिटल गेन से हुई आमदनी के मामलों में भले ही कमाई 12 लाख रुपये से कम हो, फिर भी इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा। इसका कारण विशेष प्रकार की आय पर लागू इनकम टैक्स रूल्स हैं।

* यहां विशेष कर छूट का लाभ नहीं

बजट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि धारा -87ए के तहत रिबेट का फायदा केवल सैलरी से हुई कमाई पर ही मिले। अगर सैलरी के अलावा किसी अन्य स्रोतों से आय हुई है, जो कैपिटल गेन के दायरे में आती है तो रिबेट का लाभ सीमित हो जाएगा। यानी ऐसे मामलों में रिबेट सिर्फ सैलरी से हुई आय पर मिलेगी, कैपिटल गेन इनकम पर नहीं। इस आय पर शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की दरों के अनुसार करदाता को टैक्स चुकाना होगा।

* रिबेट में बड़ा बदलाव

पहले नई कर व्यवस्था पुराने स्लैब के तहत 12.75 लाख रुपये तक की आय पर 80,000 रुपये कर लगता था लेकिन बजट में घोषित नए स्लैब में यह घटकर 60 हजार हो जाएगा। इसी के साथ सरकार ने आयकर पर मिलने वाली विशेष कर छूट (रिबेट) को 25 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया है।

इससे वे करदाता, जिनकी सालाना आय 12 लाख तक है, वे आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे क्योंकि उनकी देनदारी शून्य हो जाएगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने यह राहत केवल धारा-87ए के तहत मिलने वाली रिबेट में बदलाव करके दी है, मूल टैक्स स्ट्रक्चर के जरिए नहीं।

—— रिबेट सिर्फ इन मामलों में मिलेगी

1. अगर पूरी आय सैलरी, पेंशन, ब्याज, किराए, या व्यवसाय से आती है और कोई विशेष श्रेणी की आय शामिल नहीं है।

2. कुल आय 12 लाख रुपये से कम या बराबर है और करदाता न्यू टैक्स रिजीम को चुनता है। पुरानी कर व्यवस्था चुनने पर लाभ नहीं मिलेगा।

* इन मामलों में 12 लाख की आय होने पर भी कर देना होगा

1. कैपिटल गेन

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी)

—- अगर कोई व्यक्ति शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, संपत्ति या अन्य परिसंपत्तियों से अल्पकालिक कैपिटल गेन अर्जित करता है, तो इस पर 20% की दर से कर लगेगा।

— इस पर धारा 87ए के तहत विशेष कर छूट लागू नहीं होगी।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) —- शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति आदि से अर्जित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% की दर से कर लागू होगा।

— यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर कैपिटल गेन ₹एक लाख से अधिक है तो ही कर देना होगा।

2. लॉटरी और गेमिंग शो

—- अगर किसी व्यक्ति की आय में लॉटरी, जुए, सट्टेबाजी या गेम शो जैसी अन्य विशेष श्रेणियों से प्राप्त आय शामिल है, तो इस पर 30% की उच्च दर से कर लगाया जाएगा।

—- इन मामलों में भी धारा 87ए के तहत कर छूट लागू नहीं होगी।

3. व्यवसायिक आय और अन्य विशेष दर वाली आय

—- अगर कोई व्यक्ति फ्रीलांसिंग, व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से आय अर्जित करता है, तो इस पर भी विशेष कर नियम लागू हो सकते हैं।

— इस पर टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा और कुछ मामलों में छूट नहीं मिलेगी।

उदाहरण से ऐसे समझें कितना टैक्स चुकाना होगा

अगर किसी करदाता की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें से सैलरी से आय आठ लाख रुपये है, लेकिन शेयर या म्यूचुअल फंड से आय चार लाख रुपये है, तो धारा 87ए के तहत रिबेट (अधिकतम 60 हजार रुपये) केवल आठ लाख रुपये पर ही मिलेगी। यानी यह आय पूरी तरह कर मुक्त होगी। वहीं, शेष चार लाख रुपये की आय पर शॉर्ट या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के अनुसार इनकम टैक्स चुकाना होगा।

* शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स

अगर चार लाख रुपये की आय शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है, तो उस पर विशेष दर से कर लगेगा जो 20% है, इसलिए निवेशक को कर के रूप में 80,000 रुपये का भुगतान करना होगा। एक साल से कम की अ‌वधि वाले निवेश को शॉर्ट टर्म गेन में शामिल किया जाता है।

* लॉन्ग टर्म गेन पर टैक्स रेट

अगर शेयर या म्युचुअल फंड में चार लाख रुपये का लॉन्ग टर्म गेन है तो 1.25 लाख रुपये की छूट मिलेगी और 2.75 लाख रुपये के शेष लाभ पर 12.5% टैक्स का भुगतान करना होगा। नतीजतन निवेशक को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 34,375 रुपये का कर चुकाना होगा। यहां ध्यान देने वाली बात है कि एक साल से अधिक की अवधि वाले निवेश को लॉन्ग टर्म गेन में माना जाता है।

Loading


Discover more from जन विचार

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Posts

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

1 Retirement Age New Rule: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा निर्णय लेते हुए शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र को एक वर्ष बढ़ा दिया है। इस फैसले…

Loading

Read more

Continue reading
बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

1 बिहार की राजनीति में वंशवाद एक गंभीर समस्या बनी हुई है। राज्य के 27% सांसद और विधायक राजनीतिक परिवारों से हैं जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। एडीआर…

Loading

Read more

Continue reading

Leave a Reply

You Missed

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

बिहार चुनाव में अब शंकराचार्य की एंट्री,लड़ाएंगे सभी सीटों पर निर्दल गौ भक्त प्रत्याशी

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी, सरकार ने जारी किया नया नियम Retirement Age New Rule

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

बिहार के 27% सांसद-विधायक राजनीतिक परिवारों से, जानें सबसे ज्यादा किस पार्टी में है वंशवाद?

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

INDIA के कितने दलों के सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग? इन नामों की चर्चाएं, विपक्ष खोज रहा जवाब

Discover more from जन विचार

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading