
कर्नाटक में एक और नक्सली के सरेंडर करने के साथ ही राज्य अब नक्सलमुक्त हो गया है। अब तक कर्नाटक में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
चिकमंगलुरु (कर्नाटक): देश का दक्षिणी राज्य कर्नाटक अब नक्सल मु्क्त हो गया है। चिकमगलुरु जिले में एक और नक्सली ने सरेंडर कर दिया है। इस कदम कोकर्नाटक के नक्सलमुक्त राज्य बनने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। है। चिकमगलुरु के पुलिस अधीक्षक विक्रम अमाठे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस नक्सली के सरेंडर के साथ ही कर्नाटक अब नक्सलमुक्त राज्य बन गया है।’’
एसपी के सामने किया सरेंडर
कोटेहोंडा रवींद्र (44) श्रृंगेरी तालुक में किग्गा के पास हुलगारू बैल के कोटेहोंडा का निवासी है और जंगल में रह रहा था। शुक्रवार को वह श्रृंगेरी से आया और पुलिस अधीक्षक अमाठे के सामने सरेंडर किया। रवींद्र को उपायुक्त मीणा नागराज के पास ले जाया गया जहां सरेंडर की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गयी। अमाठे ने कहा, ‘‘ रवींद्र 14 मार्च, 2024 को लागू हुई नई सरेंडर नीति के तहत ‘ए’ श्रेणी का नक्सली था। सरेंडर पैकेज के तहत सरकार देगी इतने रुपये
सरेंडर पैकेज के तहत उसे सरकार से साढ़े सात लाख रुपये मिलेंगे। उसकी इच्छा हो तो उसे कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसे 5000 रुपये का मासिक पैकेज भी दिया जाएगा।’’ पुलिस के मुताबिक रवींद्र के विरुद्ध कुल 27 मामले दर्ज हैं जिनमें 13 मामले चिकमगलुरु में दर्ज हैं। अमाठे ने यह भी बताया कि अब तक कर्नाटक में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस के अनुसार रवींद्र केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में नक्सली गतिविधियों में शामिल था और 2007 से भूमिगत था।
छत्तीसगढ़ को भी नक्सलमुक्त करने की कोशिश
बता दें कि केंद्र सरकार नक्सलियों के खात्मे के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसी कड़ी में नक्सल से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ को भी नक्सलमुक्त कराने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि मार्च, 2026 तक छत्तीसगढ़ नक्सलवाद मुक्त होगा। दिसंबर 2024 में भी उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी उपलब्धि हासिल की है और केंद्र व राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 से पहले इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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