1940 में शाखा में शामिल हुए थे बाबासाहेब, कुछ मतभेदों के बावजूद संघ से थी आत्मीयता

आरएसएस की मीडिया विंग के मुताबिक, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाए गए थे और आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई थी। अब आंबेडकर और संघ के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 85 साल पहले महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक शाखा का दौरा किया था। संघ की संचार शाखा ने बृहस्पतिवार को इसका खुलासा करते हुए दावा किया कि इस दौरान आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद वह आरएसएस को आत्मीयता की भावना से देखते हैं। आरएसएस की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र (वीएसके) के विदर्भ प्रांत ने एक बयान में कहा, डॉ. आंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को सतारा जिले के कराड में आरएसएस की शाखा का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। वीएसके ने संबंधित समाचार की एक क्लिपिंग के साथ कहा कि 9 जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक केसरी में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा में आने के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट में आरएसएस विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी लिखित डॉ. अंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा नामक पुस्तक का संदर्भ दिया गया है, जिसमें आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के बीच संबंधों के बारे में बात की गई है। गलत सूचना फैलाई गई

आरएसएस की मीडिया विंग के मुताबिक, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाए गए थे और आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई थी। अब आंबेडकर और संघ के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा

वीएसके के मुताबिक, संघ को अब तक की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और इस पर कई आरोप लगाए गए, लेकिन इसने सभी आरोपों को गलत साबित कर दिया और एक सामाजिक संगठन के रूप में अपनी पहचान कायम रखी।

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