
शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पीएचडी थीसिस एक्सीलेंस अवार्ड की घोषणा की है। आगामी वर्ष से, मेडिकल, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस, भारतीय भाषाएं, कॉमर्स और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में शोधकर्ताओं की बेहतरीन थीसिस को यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा। 1 जनवरी से इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल खुल जाएगा, जहां शोधार्थी पंजीकरण कर सकते हैं। चयनित दस शोधार्थियों को 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य पीएचडी शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में शोधार्थियों की संख्या में वृद्धि तो हुई है, लेकिन शोध की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यूजीसी के आंकड़ों के अनुसार, 2010-11 में पीएचडी पाठ्यक्रमों में कुल 77,798 दाखिले हुए थे, जो 2017-18 तक बढ़कर 1,61,412 हो गए। इस वृद्धि में विज्ञान क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है। इसी के मद्देनजर, गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना बनाई गई है। पुरस्कार योजना के तहत शोधार्थियों की थीसिस का मूल्यांकन गुणवत्ता, अनुसंधान के नवीन दृष्टिकोण, और समाज पर उनके संभावित प्रभाव के आधार पर किया जाएगा। यूजीसी का मानना है कि यह कदम न केवल शोधार्थियों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भारत में शोध संस्कृति को भी नई दिशा प्रदान करेगा।
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