
सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कुशल राजनेता थे। वह आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहे। आजादी के बाद सबसे मुश्किल था छोटी छोटी रियासतों को एकजुट करना और भारत सरकार के आधीन लाना। सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों को भारतीय संघ में विलय करवा कर भारत को एकता के सूत्र में बांधने का महान कार्य किया। इसलिए उन्हें “भारत के लौह पुरुष” के नाम से जाना जाता है।
इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने 1928 में गुजरात के बारदोली क्षेत्र में किसानों के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सफल आंदोलन किया। इसके बाद उन्हें “सरदार” की उपाधि दी गई। सरदार पटेल की इसी कुशलता से हमें सीख लेनी चाहिए। 15 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर सरदार पटेल के अनमोल विचारों को प्रचारित-प्रसारित करें और उनके विचारों को याद करें ताकि जीवन सही दिशा में अग्रसर हो सके।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री पटेल का व्यक्तित्व और कृतित्व देश की एकता, अखंडता और विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति के लिए नागरिकों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
एक्स पर एक पोस्ट में श्री मोदी ने लिखा:
“देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनके स्मारक पर शत-शत नमन।” उनका व्यक्तित्व और कृतित्व राष्ट्र की एकता, अखंडता और विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए देशवासियों की प्रेरणाशक्ति बनी रहेगी।”
सरदार पटेल ने हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया: यूपी सीएम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
हिंदी में लिखे एक पोस्ट में आदित्यनाथ ने कहा कि देश को एकजुट करने के सरदार पटेल के प्रयास ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण की दिशा में काम करने की प्रेरणा हैं।
“आधुनिक भारत के निर्माता, किसानों के हितैषी, लौह पुरुष ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभभाई पटेल जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि!
मुख्यमंत्री ने कहा, “राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को मूर्त रूप देने में उनका योगदान हमें सदैव ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण के लिए प्रेरित करता रहेगा।”
सरदार पटेल, जो भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे, ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली। 1875 में गुजरात के नाडियाड में जन्मे पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। अपने असाधारण नेतृत्व और राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध, उन्हें “भारत के लौह पुरुष” के रूप में याद किया जाता है।
केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर 2015 को सरदार पटेल की 140वीं जयंती पर एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले लोगों के बीच आपसी संवाद बढ़ाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना है।
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