
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतार कर आम आदमी पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। क्योंकि आप ने भी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी आदिल खान को टिकट दिया है। ऐसे मुस्लिम वोटों के बंटने की उम्मीद है। इससे बीजेपी को फायदा मिल सकता है। आगे पढ़िए 2015 के विधानसभा चुनाव में कैसे समीकरण बदले थे। राजधानी दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
जहां सोमवार (9 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी ने अपने 20 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की तो वहीं मंगलवार को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुस्तफाबाद सीट पर बड़ा दांव चल दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्तफाबाद सीट से दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। अब दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। क्योंकि फिर से मुस्तफाबाद सीट पर 2015 वाला ही समीकरण बनता दिख रहा है। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम बंट गए थे, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला था।मुस्तफाबाद सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा
बताया गया कि मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। एआईएमआईएम पार्टी से ताहिर हुसैन के मैदान में आने से मुस्लिम वोट बंटने की उम्मीद है। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से जगदीश प्रधान को उतारा था। वहीं, मुस्लिम वोटों के बंटने से बीजेपी को फायदा हुआ था और जगदीश प्रधान विधायक बन गए थे। अगर इस बार भी मुस्लिम वोट बंटे तो भाजपा का इस सीट पर रास्ता साफ है। आम आदमी पार्टी ने इस सीट से आदिल खान को मैदान में उतारा है।
ओवैसी ने बढ़ाई आप की टेंशन
ताहिर हुसैन के चुनावी मैदान में उतरने से मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का चुनाव रोचक हो गया है। ओवैसी ने ताहिर हुसैन को प्रत्याशी बनाकर एक बड़ा कार्ड खेला है। ताहिर के मैदान में आने के बाद यहां आम आदमी पार्टी में बेचेनी बड़ गई है। ताहिर नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी से पार्षद रहा है।
जेल में रहते हुए ही लड़ेगा चुनाव
बताया गया कि वर्ष 2020 में दिल्ली दंगों में नाम सामने आने पर आप ने ताहिर को पार्टी से निकाल दिया था। ताहिर वर्ष 2020 से ही जेल में बंद है। उस पर यूएपीए, दंगे की साजिश समेत कई धाराओं में 11 केस दर्ज हैं। जेल में बंद रहते हुए वह चुनाव लड़ेगा। हाजी यूनुस से ताहिर हुसैन की कभी नहीं बनी
मुस्तफाबाद से मौजूदा विधायक हाजी यूनुस से ताहिर हुसैन की कभी बनी नहीं है। वर्ष 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र के दो मुस्लिम बहुल वार्ड मुस्तफाबाद व बृजपुरी कांग्रेस ने जीते थे। आप प्रत्याशी हार गए थे।
बृजपुरी वार्ड में ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। ताहिर के आने से मुस्लिम वोट बंटने की उम्मीद है।
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