
कैमूर जिले में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त हुआ है। यह एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगा और इसकी कुल…
कैमूर जिला अंतर्गत वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गया है। इसके साथ ही भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस एक्सप्रेसवे का कार्य कैमूर जिले में शरू हो गया है। पथ निर्माण विभाग के अनुसार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से परियोजना के निर्माण के लिए 1.5065 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग के प्रस्ताव पर प्रारंभिक सैद्वांतिक स्वीकृति मिल गई है। साथ ही जिले में भू अर्जन की आवश्यक प्रक्रिया भी पथ निर्माण विभाग द्वारा पूरी हो गई है। वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिले कैमूर, रोहतास, गया और औरंगाबाद से गुजरेगा। बिहार में इसकी लंबाई 161 किलोमीटर होगी। नए एक्सप्रेसवे की लंबाई कैमूर में 51.4 किलोमीटर, रोहतास में 35.5 किलोमीटर, औरंगाबाद में 39.3 किलोमीटर और गया में 35.4 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण बिहार में कुल सात पैकेजों में किया जाना है। इनमें लगभग 5507 करोड़ की अनुमानित लागत से पांच पैकेजों में संवेदक का चयन कर कार्य आवंटित किया जा चुका है। इस एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से वाहन का परिचालन हो सकेगा। शेष तीन जिले रोहतास, गया और औरंगाबाद के लिए आवश्यक भू अधिग्रहण एवं फॉरेस्ट क्लीयरेंस इस वर्ष दिसंबर तक पूरी होने की संभावना है।
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